प्राकृतिक आपदा : एक विकट समस्या

प्राकृतिक आपदाएं अर्थात प्रकृति के द्वारा होने वाली विपत्ति जो मानव जीवन को बुरी तरह से प्रभावित करती है। इन आपदाओं में मुख्य रूप से बाढ़, भूकंप, सुनामी, तूफान और चक्रवात, हिमस्खलन, भूस्खलन, बादल फटना, सूखा और अकाल पड़ना, महामारी फैलना आदि शामिल हैं।

प्राकृतिक आपदाओं पर मानव का कोई नियंत्रण नही है और ना ही ऐसी आपदाओं के आने का कोई पूर्व अनुमान लगाया जा सकता।मुख्य रूप से इन आपदाओं की वजह से अनेकों लोगों की मृत्यु हो जाती है, उनके माल-सामान को भी नुकसान पहुँचता है।इसके अतिरिक्त इन आपदाओं के कारण अन्य जीवसृष्टि का भी नाश होता है।



कुछ प्राकृतिक आपदाएं मानव सर्जित है तथा आपदाएं प्रकृति के नियमानुसार होती है। इन आपदाओं के कारण बहुत ही अधिक जन-मान हानि होती है। इसके साथ ही प्रकति पर भी इसका असर पड़ता है। ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए हर देश में आपदा प्रबंधन गठित किया गया है जो इन आपदाओं से प्रभावित लोगों के जीवन को बचाने तथा उनकी सहायता करने का कार्य करता है।


 प्राकृतिक आपदाओं पर मानव का कोई नियंत्रण नही है, अतः इसके प्रभाव से हमें बचने की जरूरत है। ऐसी कई आपदाएं है जो मानव सर्जित भी है अतः जितना कम प्रकृति के कार्यों में हम हस्तक्षेप करेंगे उतना ही हम ऐसी आपदाओं से बच सकेंगे।
प्राकृतिक आपदाओं का ना तो पहले अनुमान लगा सकते और ना ही इस पर मनुष्य का कोई नियंत्रण है। लेकिन ऐसी आपदाओं से हमें केवल और केवल भगवान ही बचा सकते है,पूर्ण परमेश्वर की भक्ति करने से हमें शारीरिक, मानसिक तथा आर्थिक सर्व लाभ मिलते हैं।
पूर्ण परमेश्वर कौन है जो हमें सर्व सुख दे सकते हैं तथा उसकी भक्ति विधि क्या है, जानने के लिए पढ़े अनमोल पुस्तक ज्ञान गंगा। इस पुुस्तक को आप गूगल पर सर्च करके भी डाउनलोड कर सकते हैं।

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